Thursday, October 5, 2017

चायना पर चर्चा...

(संजीव परसाई) सामान्य तौर पर मैं छुट्टी के दिन कहीं निकलता नहीं हूँ. पर इस ऐतवार घर में करने, कहने सुनने को कुछ ख़ास नहीं था सो मैंने सोचा चलूँ कहीं बैठकर निन्दारस का ही आनंद लूँगा. अब इसके लिए मुफीद जगह कॉफी हाउस ही समझ में आई, सो गाडी वहीँ मोड़ दी. पहुंचा ही था कि दरवाजे के गेट पर काले कोट में एक आदमी दुखी या करीब करीब लुटा पिटा सा नजर आया. अपन भोपाल के हैं सो थोड़ी यहां की सभ्यता भी फालो करते हैं, सो पूछ लिया - कोखां क्या हो रिया है? उसने मुझे ऐसे देखा जैसे चिल्लर उठाने वाला हूँ। लेकिन मैंने भी छोड़ा नहीं - भिया कौन हो, ऐसा लगता है कि कभी मिले हैं हम...मुंह बिचकाकर करने लगा, तुम इंडियन का यही प्रॉब्लम है, तुम लोग आदमी को जानते जरुर हो पर पहचानते नहीं हो. थोड़े डिस्टेंस से बात करो, मैं जिनपिंग हूँ, चायना का सदर.

मैं गिरते गिरते बचा, भाई तुम यहाँ क्या घास छील रए हो, वहां चायना में सब ठीक तो चल रहा है न, या वहां भी लत्ते लग गए...दुखी मन से बोले...मेरी जो हालत है उसके जिम्मेदार सोशल मीडिया सेना और यहां के टीवी न्यूज चैनल हैं, बड़ी मुश्किल से मैंने इज्जत और हिम्मत जुटाई थी, वो सब आपकी सरकार और सेना ने मिलकर मिटा दी और कहते हुए फफक-फफककर रोने लगे. भाई कांधे पे मुंडी धर दी।  मैं उनको लपक के कॉफी हाउस में अन्दर ले गया, उनको उनकी मनपसंद कड़वी कॉफी और सिगरेट पेश किया, सो चेहरे पर थोड़ी मुस्कान आई. सिगरेट का गहरा कश लेकर कहने लगे, भारत सरकार, सोशल मीडिया और टीवी के एंकरों से मैं बहुत डरा हुआ हूँ, सबूत के तौर पर उन्होंने अपने खड़े हुए रोंगटे भी प्रस्तुत कर दिए. मैं निरुत्तर ही रहा. मुझे विदेश नीति से, व्यापार नीति से, मीडिया नीति से सब तरफ से घेर रखा है. आए दिन सोशल मीडिया सेना पर लौंडे-लपाड़े मेरी बिजली की लड़ियाँ, और खिलौने खरीदना बंद करने की धमकी देते रहते हैं, सो मेरी कंपकंपी और बढ़ जाती है. मेरे दोस्त को आपकी सरकार ने कड़ी निंदा कर करके इस हालत में ला दिया है की अब वो लहुलुहान होकर घर में ही पड़ा हुआ है. मेरी भी हालत वैसी ही होने जा रही है, अभी पतंजलि कम्पनी की ब्लड प्रेशर की दवाई खाकर बैठा हूँ. मैं क्या करूँ, कहाँ जाऊं मुझे सूझ नहीं पड़ रहा है. अगर तुम मेरी मदद करोगे तो मैं तुमको इस दीवाली पर दो सीरिज मुफ्त में दूंगा.

वैसे मैं ईमान का पक्का हूँ पर 25 रूपट्टी की सीरिज का नाम आते ही थोडा कमजोर हो गया, हें हें करके बोला...न भिया वो बात नहीं है, हमारी तो संस्कृति ही सबकी मदद करना है, सो करेंगे न. आप दुखी मत हो, तुम अच्छी चीजें बनाते हो, हम जरुर खरीदेंगे चिंता मत करो. हमारे तो घर तुम्हारी बनाई चीजों भरे पड़े हैं, अभी राखी भी खरीदी थी, अब दिवाली का सामान भी खरीदेंगे, सब कुछ खरीदेंगे जो तुम हमें टिकाओगे. मेरे अधिकृत आश्वासन के बाद वो थोडा सामान्य हुए. चहक के बोले – तो मैं पक्का समझूँ कि अब मुझे और चायना को भारत की तरफ से कोई खतरा नहीं है. हाँ हाँ – मैंने भारत की तरफ से हुलसकर कह दिया. तुम चिंता मत करो अभी हमारे यहाँ एक बलात्कारी बाबा पकड़ाया है, सो सब नेता, सरकार, मीडिया सब उसी में व्यस्त हैं. टीवी चैनल उसकी 'मुँहबोली' लड़की के पीछे मनोहर कहानियां बनाने में लगे हैं, उसके बाद कुछ और होगा. ये सब चलता रहेगा, कोई कमीवेशी हो तो बताना मैं अपने क्षेत्र के पार्षद से कह दूंगा वो मोदीजी से भी निवेदन कर लेंगे. उनका खासा रसूख है। दस एक राज्यों के मुख्यमंत्री से उनकी रोज राम-राम होती है, वो बात अलग है कि अभी हमारे यहाँ की सड़कें सालों से अधबनी पड़ी हैं. और सुनो भाई तुम लोग ये धमकी वगैरह से मत डरा करो, हमारे यहाँ  सरकार में स्थाई निंदा विंग हैं, जो अपना काम करते रहते हैं. दूसरे ओर हमारे नेता और सोशल मीडिया सेना पूरे पांच साल, सोते, जागते, उठते, बैठते, खाते, .........चुनावी मोड पर ही रहती है, सो ये सब करना पड़ता है. सुनकर उसकी आँखें चमक गयीं. कहने लगा ये सब चुनाव के लिए होता है तो भाई मैं भी ट्राय करूँगा. पर एक बात तो आपको मुझे और बतानी हैं, जो मुझे और मेरे देश को खाय जा रही है. आपके खबरिया चैनल के एंकर मुझे आए दिन धमकाते हैं, उसका नाम सुनकर मैं और 1 अरब 40 करोड़ चीनी एक साथ कांपने लगते हैं. निशानी के तौर पर उसने फिर बांह उघाड़कर अपने खड़े हुए रोंगटे दिखाए। अब हमसे सही न गई, सो कह दिया - अबे तुम हमारे यहां खरबों का बिजिनेस करते हो, उनको विज्ञापन काहे नहीं देते हो, अब वो निरुत्तर रहा.
हमने कहा -हो गया तुम्हारा, अब हमारी कंसलटेंसी फीस का बात भी कर लिया जाए। हमें चाहिए इंडिया में प्रोजेक्ट पार्टनरशिप, 10 चायनीज सीरीज और एक ठौ चायनीज इन्वर्टर..इन्वर्टर ...इन्वर्टर...इन्वर्टर
तभी पीछे से आवाज आई ये अल सुबह ये इन्वर्टर का क्या नया राग लेकर बैठ गए...हम उठे और चायनीज टूथब्रश पर पतंजलि का टूथपेस्ट लगा के घिसने लगे। हम कुछ सोचते उसके पहले फिर से आवाज आई जल्दी करो चाय ठंडी हो रही है,.......

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