मैं - सर एक आलेख भेज रहा हूँ, देखिएगा..
संपादक - ओके
# एक सप्ताह बाद....
मैं - सर देखा था क्या..
संपादक - क्या...
मैं - वो मेरा आलेख...
संपादक - अरे हाँ यार मैं असल में थोडा बिज़ी था सो
दिमाग से निकल गया, आज देखता हूँ. एक -
दो दिन में रिप्लाई करता हूँ
मैं - ओके सर
# फिर एक सप्ताह के बाद..
मैं - सर वो आलेख देखा था क्या...
संपादक -
हाँ यार देखा था, बढ़िया लिखा था, लेकिन असल में मोदी के विरोध को हम जरा डिसकरेज कर
रहे हैं, यू नो अभी हवा ठीक नहीं है.. आप कुछ अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर लिखें...हेलो
आप सुन रहे हो न
मैं - लेकिन सर, मेरा आलेख तो कद्दू की खेती के ऊपर
था..
संपादक - अच्छा..चलो बाद में बात करते हैं...
1 comment:
उम्दा बहुत उम्दा
परसाई जी का है अंदाज ऐ बयां और
Post a Comment