पत्थर ने कहा - नहीं , मैं इसके लिए तैयार नहीं हूँ अगर तुम्हें ऐसा ही कुछ करना है तो इस बाजू वाले पत्थर पर करो मुझ पर नहीं
मूर्तिकार ने दोबारा पूछा लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ आखिरकार उसने छोटे पत्थर को ही काटकर देवता का स्वरुप दे दिया. अब लोग देवता पर तो फूल आदि चढ़ाकर उसे पूजने लगे और बड़े पत्थर पर नारियल फोड़ने लगे
मोस - हर सुख की कीमत चुकानी पड़ती है.
मूर्तिकार ने दोबारा पूछा लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ आखिरकार उसने छोटे पत्थर को ही काटकर देवता का स्वरुप दे दिया. अब लोग देवता पर तो फूल आदि चढ़ाकर उसे पूजने लगे और बड़े पत्थर पर नारियल फोड़ने लगे
मोस - हर सुख की कीमत चुकानी पड़ती है.
1 comment:
bahut sahi kaha sir...achcha prerak prasang...
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