मेरा भी ब्लॉग
आमिर खान, अमिताब बच्चन की तर्ज पर ब्लॉग से लोकप्रियता के आयाम गढ़ने का फंदा मध्य प्रदेश के नेताओं को भी समझ आने लगा है। किस्सा कुछ यू है की सत्ता से अलग पार्टी के नेताजी को उनके चमचे ने फंडा की भइया
आप जनता के बीच इतने लोकप्रिय हो और ये बात हाई कमान नही समझते, और अखबार और चैनल वाले भी अब सयाने हो चले हैं कवरेज़ ही नही देते। क्यों न हम एक ब्लॉग बनवा लें और आपके सारे क्रियाकलापों को ब्लॉग पर डालकर जनता और अल्लाकमान को दिखायेंगे। इससे दो फायदे भी गिनाये पहला तो मुफ्त का काम है ख़ुद की पब्लिसिटी का जिसमें पार्टी के बड़े नेताओं के बीच आसानी से अपनी बात पहुँच सकेगी। दूसरे पार्टी के अन्दर हमारी एक प्रोग्रेसिव नेता की chabi बनेगी ।
प्लान पसंद आने पर चर्चा हुई की यह सब काम करेगा कौन तो एक सज्जन सामने आए उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने शक्तिशाली कन्धों पर ले ली । उन्होंने यह काम करने के लिए आवश्यक सामग्री मांगी पहला नेता जी के फोटो, उनका विस्तृत जीवन परिचय, उनके द्वारा किया गए कार्यों की जानकारी ( सारांश, एक पन्ने में)। नेताजी के चमचों ने सारी सामग्री तो जुटा दी बस उनके द्बारा किए गए जनहित के कार्यों के जानकारी जुटाने मैं उन्हें पसीने निकल गए। नेताजी से पुछा गया तो उन्होंने कहा की तुम भी यार चू...... हो कुछ भी लिख दो। लेकिन झूठ पकड़ा जाने के डर से नेताजी ने कहा की अभी रहने दो चुनाव के बाद बनायेंगे । चुनाव मैं टिकट ही नही मिला और अगर मिल ही गया और पुंगी बज गयी तो फिर काहे का ब्लॉग और कहे का प्रोग्रेसिव ।
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