Friday, June 20, 2008

जनता से सीधा संवाद

जैसे जैसे चुनाव पास आते जा रहे हैं मंत्रियों और नेताओं की नींद हराम होती जा रही है. समस्या ये है की पार्टी आला कमान ने कठोर शब्दों में कह दिया है की सभी नेता अपने क्षेत्रों मैं लगातार दौरे करें ताकि जनता के बीच रहकर मुद्दों की तलाश करें साथ ही जनता से सीधे संवाद कायम होने का फायदा चुनावों मैं मिले। आला कमान तो कह गए.
अब समस्या ये है की मंत्री पिछले साढ़े चार सालों से ऐसी कमरे मैं रहने के आदि हो गए अब उनके चुनाव क्षेत्र मैं लाइट रहते नही है। तो इसका हल ये निकाला गया की हम जनता के लिए आधी रात को भी उपलब्ध रहेंगे ( मोबाईल पर) ।
इसके लिए जोर शोर से तैयारी हुई पूरा प्रचार प्रसार हुआ। एक नया मोबाईल नंबर भी लिया गया जिसपर जनता से बात होनी थी. अब जनता से सीधी बात करना भी इतना आसान नही , है दारी चढ़ बैठती है. मंत्री जी को उंच नीच सुनने की आदत जाती रही है सो उन्होंने अपने एक विश्वस्त शागिर्द/चमचे को यह काम सौंप दिया की जनता की समस्याओं को सुनो और मंत्री बनकर उन्ही की शैली मैं जवाब दो. तरीका चल निकला पर पब्लिक भी चालू है समझ गयी।
एक दिन नेता जी उनके चुनाव क्षेत्र मैं दौरे पर थे और उनके महाशय मोबाइल के साथ भोपाल में। फ़ोन लगा दिया नेता जी के सामने से ही और महाशय चले की पूरे मंत्री ठसके से बात भी कर रहे. लेकिन जब सामने से समस्याओं की जगह माँ बहन के साथ रिश्ते बानाने की बात होने लगी तो ये भी अपने पर आ गए और मंत्री बनकर ही गाली बकने लगे. लगे हाथ किसी ने मोबाइल का स्पीकर चालू करके मंत्री जी के ही सामने रख दिया. फिर जाने क्या हुआ ये तो मालूम नही मंत्री के चमचा महोदय पिछले १५ दिनों से जिला अस्पताल मैं भरती है.

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