Wednesday, August 15, 2018

प्रिय पाकिस्तान !!!

(संजीव परसाई) रामसिंग धड़धड़ाते हुए कमरे में घुसा। इतना बलबला रहा था कि जोश उसके थूथन से लार बनकर टपक रहा था। गमछे से अपने सवा हाथ के मुंह को साफ करते हुए बोला - सुना भैया आपने, आज तो इंडिया ने खुश कर दिया। मैने उसे करेक्ट करते हुए कहा - पगलैट ये हमारा देश है, ये हमें हर हाल में खुश रखता है। बाकी सरकार है जो हमसे हमारी खुशी का हिसाब तरह तरह के टैक्स वसूल करके लेती है। तुझे क्या लड्डू मिल गए सो अलग से खुश हो रहा है।

अरे नहीं भैया, आप ने गलत ट्रेक पकड़ ली, मेरा वो मतलब नहीं था, मैं तो आज के मैच की बात कर रहा था। आज इंडिया ने पाकिस्तान को नेस्तनाबूद कर दिया। ऐसा हाहाकार मचाया है, कि पाकिस्तानियों को तो हगना लग गया होगा। भैया आज तो लड्डू बांटना बनता है 

असल में रामसिंग फालतू जज्बाती आदमी है, उसके लिए देशभक्ति पाकिस्तान को मटियामेट करने तक सीमित है। देश में ऐसे लाखों रामसिंग बिखरे पड़े हैं जो पाकिस्तान को कोसकर अपनी देशभक्ति साबित करने को आतुर हैं। जब उनसे देश के लोगों की हालत, किसानों, सैनिकों, मजदूरों, बेरोजगारों की हालत पर चर्चा करो तो बिखर जाते हैं। 

राजनीति ने पाकिस्तान को चूर्ण की पुड़िया बना कर रखा है, जिसे फांक कर देशभक्ति के नशे में डूबा जा सकता है। 

हम बैल गति को प्राप्त हो चुके हैं, हमें जहां हांका जाता है हम वहीं अपनी गर्दन मटकाते, पूंछ हिलाते हुए चल देते है। बैल स्वरूप में गो वंश के प्रतिनिधि होकर हम खुश भी हो जाते हैं।

पहले हम प्रायः साल में दो बार देशभक्ति से सराबोर होते थे, अब हम प्रतिदिन प्रतिक्षण होते हैं, देशभक्ति न हुई टैक्स हो गया, जो आपका गुसलखाने में भी पीछा नहीं छोड़ेगा। हमारे सिर्फ दो राष्ट्रीय पर्व हैं, इनके अलावा हमें देशभक्ति बघारने के अवसर समझ में नहीं आते हैं। ये बढ़िया हो कि हर हफ्ते एक दिन ऐसा तय किया जाए जो सिर्फ सुबह से शाम तक देशभक्ति दिखाने के ही काम आए। देश के कुछ छोटे मोटे लोग रोजमर्रा के काम में देशभक्ति दिखाते हैं, वे सारे काम सही प्रकार से करते हैं। वो कोई देशभक्ति कि किसी नौटंकी में शामिल नहीं होते, वे अपना योगदान ईमानदारी और समर्पण के रूप में देते हैं । बाकी इन सब से बहुत ऊपर हैं, हम पाकिस्तान की मट्टी पलीत होने की खबर से ही खुश हो जाते हैं। आजकल पाकिस्तानी कम पड़ रहे हैं तो हम देश में ही पाकिस्तानी और देशद्रोही तलाश रहे हैं पहले किसी को देशद्रोही कह दो तो उसके तन-बदन में आग लग जाती थी, अब लोग हँसते हैं। अगर हमें पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चौपट होने की कोई झूठी खबर ही सुना दे तो हम अपनी दिनों दिन पतली होती माली हालत का गम भूलकर, दुश्मन की खात्मे के जश्न में डूब ही जाते हैं। वहां बेरोजगारों और भिखमंगों की फौज देखकर अपने देश के बेरोजगारों को सांत्वना देने लगते हैं। पाकिस्तान में हो रहे बलात्कारों के व्हाट्सअप मैसेज शेयर करके देश में महिलाओं और बच्चियों के नरक होते जीवन पर पर्दा दाल देते हैं। एक राष्ट्रभक्त मिल गया कहने लगा भैया, पाकिस्तान में धर्म के खिलाफ बोलने वाले को जेल में डाल देते हैं और मुंडी काट देते हैं। अपने यहां तो लोग हिन्दू धर्म को मजाक बना कर रख दिये है। मैंने कहा - चल तू और मैं दोनों मिलकर इस देश को पाकिस्तान बनाते है, तो कहने लगा - नहीं मैं तो यूँ ही कह रहा था 
पार्ट टाइम और भाड़े के देशभक्त पगडण्डी से पाकिस्तान या दूसरे खाड़ी देशों की रवायतें भारत में लाना चाहते हैं, क्योंकि ये लोकतंत्र की मलाई चाट चाट के अपना हाजमा खराब कर बैठे हैं। अब ये उस जहर को दवा के रूप में परोसना चाह रहे हैं । इनको उम्मीद है कि ये जहर उनके मनमुताबिक या तो मार देगा या मानसिक विकलांग कर देगा  
साल के दो दिन देशभक्ति का ढोंग करने वाले देश के किसानों, मजदूरों, गरीबों, मजलूमों के नाम पर सोशल मीडिया पर अपना मल-मूत्र विसर्जित कर रहे हैं, और भाड़े के फ़ॉलोवर उसको लाइक और शेयर करके देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं जिस देश में मजलूमों के साथ थोक में बर्बरता हो रही हो, उस देश के सभ्य समाज के लिए जरुरी है कि वे अपना समय गोबर, कंडे, नेताओं की बकवास, जात-पांत, हिन्दू-मुसलमान और अपने नेताओं की चमचागिरी में ही लगायें नहीं तो शर्म से गड़ने के सिवा उनके पास कोई चारा नहीं होगा इस लिहाज से मुझे पाकिस्तान प्रिय है क्योंकि वो हमें साल में पांच-दस बार शर्म से डूब मरने से बचा लेता है। 
रामसिंग अब तक अपने चेहरे से लार साफ कर चुका था, उसकी मनोदशा को पढ़कर मैंने कहा – बोल रामसिंग, भारत माता की जय, वंदेमातरम्, स्वतंत्रता दिवस अमर रहे....उसने गमछा उठाया और चल दिया। मैंने पीछे से कहा - अबे लड्डू तो खाता जा, उसने पलट के भी नहीं देखा

No comments: