Total Pageviews

Thursday, May 8, 2025

भारत माता की जय !!

पहलगाम की घटना से सुन्न पड़ा दिल दिमाग अब जाकर थोड़ा ठंडा हुआ। गमी को गमी इसीलिए बोलते हैं, क्योंकि वो इतने ग़म लाती है कि सालों कोई उबर नहीं सकता। मृत्यु परिवार, समाज को दुखी करती है। लेकिन हत्या उद्वेलित करती है। बहरहाल जो हुआ बेहतर हुआ, अभी दो चार झापड़ ही रसीद हुए हैं, लात और जूते बाकी रहे। 

हर घटना देश, समाज और सरकार को बहुत कुछ सबक देती है। बस जरूरत इस बात की है कि सब इस सबक को याद रखें। इस बार का सबसे बड़ा सबक रहा लोकतान्त्रिक आस्था। घटना की परिस्थितियां और पैटर्न ऐसा था कि पूरे देश में बवाल होना तय था। लेकिन जय हो इस देश के लोगों की, जिन्होंने अंदर से खून के आंसू रोते हुए भी वो न होने दिया, जिसकी उम्मीद दुश्मन ने की थी।
एक दूसरे का सिर फोड़ने पर उतारू राजनैतिक दलों ने साबित किया कि संकट के समय सब एक हैं। सबने सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया, सरकार ने भी शानदार निर्णय लिए। इस दौरान किसी भी दल ने कोई नकारात्मक बातें नहीं की, अलबत्ता वे नागरिकों से धैर्य रखने और सरकार पर भरोसा करने की अपील करते रहे।

हालांकि सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने वही किया जिसके लिए वो जाना जाता है। लोगों के मन को शांत करने के बजाय, वे उन्हें उद्वेलित और बेचैन करने के प्रयास करते रहे। मनगढ़ंत खबरें, बेमतलब की बयानबाजी, निरर्थक आक्रोश पैदा करने वाले विषयों ने समाज और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की। जबकि होना ये चाहिए था कि इस समय धैर्य रखते हुए सरकार को अपना निर्णय लेने का पूरा समय देते। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को अब पेट्रोल और माचिस साथ लेकर घूमने में लज्जा आना भी बंद हो गया है।

आज मॉक ड्रिल हुई, यानी युद्ध के दौरान उपजने वाली स्थितियों से निपटने का पूर्वाभ्यास। भोपाल में यह शाम साढ़े सात से सात बयालीस तक तय थी। इस दौरान सबने जबरदस्त अनुशासन का परिचय दिया। हालांकि कोई देखने वाला नहीं था, लेकिन सबने स्वप्रेरणा से प्रोटोकॉल का पालन किया। एक बार फिर देश के लोगों ने साबित किया कि जब बात देश पर आ जाए, तो फिर किसी को कुछ कहने या सुनने की जरूरत नहीं है। शायद यही भावना स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान रही होगी, जब तिरंगे के झंडे तले लाखों लोग इकट्ठे हो जाते थे। देश के लोगों का यही भाव हमें दुनिया का महान लोकतंत्र बनाता है। 

आगे जो भी हो, सरकार, समाज और लोगों ने यह दिखा दिया है कि हमें कोई हिला भी नहीं सकता। 
हम एक थे, एक हैं और एक रहेंगे

जय हिंद, जय हिंद की सेना!!

No comments: