Wednesday, October 14, 2015

“भगवान्” की चिट्ठी मार्क जुकरबर्ग के नाम

संजीव परसाई : पिछले दिनों मार्क जुकरबर्ग ने दावा किया की मंदिर जाने के बाद उसे फायदा हुआ, यह सूचना भगवान् को मिली तो उन्होंने एक चिट्ठी उसे लिखी, जो देर सबेर मेरे हाथ लग गई, सो आप सब सुधि पाठकों के लिए ...पढ़िए...
-------------------------------------------------------------------------------


स्थान : वैकुण्ठ लोक

प्रिय मार्क,

भरोसा है सानंद होगे। अभी हाल में ही पता चला कि तुम भारत आए थे तो मेरे मंदिर भी आए थे। कौन से मंदिर गए थे, कब गए थे, कहां गए थे वो सब तो मुझे भी याद नहीं है। आजकल मुझे याद नहीं रहता है, मेरे पास आजकल ऊपर-नीचे सब तरफ के ढेर सारे काम हैं । इसके अलावा दुनिया भर के लोग आते जाते रहते हैं। कुछ श्रृद्धालु होते हैं तो कुछ टूरिस्ट, देखकर समझ में नहीं आता। तुम्हारे पास कोई फोटो हो तो पोस्ट करना। ये भी बताना कि तुम मेरे किस प्रतिनिधि से मिले थे, सो मैं भी अपना रिकार्ड दुरूस्त करूं। अगर मुझे बताकर आते तो मैं भी तुम्हारे साथ एक सेल्फी ले सकता था। खैर जब अगली बार आओ तो पहले बताना जरूर।

असल में मैंने तुम्हें एक विशेष प्रयोजन से चिट्ठी लिखी है। तुमने मोदीजी के सामने भावनाओं में आकर बयान दे दिया कि तुम स्टीव जॉब्स की सलाह पर मंदिरों में गए थे। जिसके बाद तुम्हारा राजपाट बढ़ता चला गया। अब स्टीव मंदिर खुद भी आया था या उसने ऐसे ही तुम्हें ज्ञान दे दिया, ये कौन जाने। लेकिन मैं मानता हूँ की तुम दोनों झूठ नहीं बोलोगे, धरती के काबिल लोगों में से जो हो। असल में तुम्हारे इस बयान के बाद एक समस्या आन पड़ी है। तुम्हारे एलान के बाद खार खाए लोग मुझ पर भी शंका करने लगे हैं। तुम तो जानते हो यहाँ भारत में वैसे ही मेरे नाम पर उठापटक मची हुई है। लोग मेरे बारे में कहते हैं कि जैसे सरकार और कानून सक्षम लोगों के काम अधिक आता है वैसे ही भगवान भी हो गए हैं। 

तुम्हारे बयान के बाद तो लोग मेरे ही मंदिर में आकर मुझे रोज सौ ताने मारते हैं। मुझसे पूछते हैं कि इस जुकर में क्या देखा जो उसे इतना सब कुछ दे दिया। ऊपर से अहसान ये भी दिखाते हैं कि वे मेरे चक्कर में मरने कटने को  तैयार हैं, और मैंने उन्हें कुछ नहीं दिया। अब तो ये लोग मुझपर भ्रष्ट होने का आरोप भी मढ़ रहे हैं। जो मार्क एक दिन के लिए आया उसे मैंने इतना कुछ दे दिया, जरुर कुछ गड़बड़ है। वे तो मुझ से यह भी कह रहे हैं कि अगर देना ही था तो किसी हिन्दू व्यापारी को ही दे देते। भगवान कब से धर्मनिरपेक्ष होने लगे।

हालाँकि तुम तो समझदार भक्त हो पर तुमसे एक और शिकायत है। अभी चीनी प्रधानमंत्री आए थे तो तुम बिटिया का नाम उनसे रखने का आग्रह कर रहे थे। हमारे पास भी अच्छे अच्छे नाम हैं जो बिटिया को जमेंगे, प्रधानमंत्री मोदी से ही पूछ लेते, तुम्हारा सम्मान ही बढ़ता  

फिलहाल मैं भारत देश और दुनिया को एकजुट रखने के बड़े प्रोजेक्ट में व्यस्त हूँ  कभी मेरी जरूरत हो, तो वहीं न्यूयार्क में मेरे मंदिर में जाना। साल के अंत तक फेसबुक हैडक्वार्टर में मेरा एक मंदिर भी बनवाना, तुम्हारा कल्याण होगा। फेसबुक और चरित्र दोनों से फेक आईडी हटा दो तो और प्रगति करोगे।

तुम्हारा मित्र स्टीव जॉब्स यहीं है, उसे मैंने अपने आईटी डिपार्टमेंट में नियुक्त किया है। उसने यहां भी सब कुछ बदल कर रख दिया, उसने भी तुम्हें हैलो कहा है।

बहू प्रेसिला और बिटिया को आशीर्वाद। फेसबुक परिवार को स्नेह । फेसबुक का ध्यान रखना, वैसे तुम दुनिया के एक मात्र आदमी हो जिससे फेसबुक पर ध्यान देने को कहा जाता है।

भक्ति बनाए रखना, प्रसन्न रहो....


तुम्हारा और सबका



भगवन्
-----------------------------------------------------------------------------

संजीव परसाई 

No comments: